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मस्त मस्त
खुदाने बनाई यह दुनिया मस्त मस्त,
आसमां तेरा, ज़मीन तेरी मस्त मस्त।
तुज़े सोंचा करेंगे, तुजे चाहा करेंगे,
जिना है हमको बनके मस्त मस्त।
जन्न्तसे कैसे मुख्तलिफ होंगी यह,
दुनियाको जन्नत बनायेंगे मस्त मस्त ।
कोई कैसे बुजायेगा शमा-ऐ- रूहको,
उजाला करेंगे जलके भी मस्त मस्त।
दुआका हक दिया तुने मखलुकको,
दुआके लिए हाथ उठाएंगे मस्त मस्त ।
क्यों न तवक्को करुं मै तुज पर,
तुही ज़िन्दगी,तुही दुनिया है मस्त मस्त।
सपना खुश होजा अपने सवाल पर,
आयेगा उनका जवाब मस्त मस्त।
सपना मर्चंट
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