Tuesday, May 5, 2009

मौत



मौत
सब रिश्ते ख़तम करके गई,
मौत आई सबसे जुदा करके गई,
पता था अकेले ही जाना है हमें ,
फ़िर भी जाने क्यों तनहा करके गई।
सपना

2 comments:

  1. सपना जी आपकी सारी रचनायें बहुत अच्छी है....परन्तु आप थोरा हिन्दी पर ध्यान दीजिये.आभार

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  2. Thanks Chandan,

    I will try.

    Sapana

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