Friday, May 1, 2009



जुदा नहीं
मेरी ख्यालोमे खुशबूकी तरह महेकता है,
दिलके विरानेमे गुलाबकी तरह खिलता है ,
मेरी तन्हाइमे बुल्बुलकी तरह चहेकता है,
कोन केहता है की तू और मै जुदा है?
तू मेरे वजुदमे लहू की तरह दोड़ता है।
सपना

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