Monday, May 4, 2009

मेरे दोस्त (ब्लोगके)



मेरे दोस्त (ब्लोगके)
दिलोकी हर सरगोशिया जानते है यह ,
अपनोसे छुपाया हुआ राज जानते है यह।

समजते थे कोई नही समजता हमें,
हमारी रंजो और गम बांटते है यह।
खुदाने अछा ज़रिया निकाला मिलानेका,
सबको एक ही मालामे बांधते है यह।
नहीं जानती कोन है,कहासे है यह,
बेनाम चहेरोसे दोस्ती निभाते है यह।
फरियाद सुनते है हर फ़रयादिकी,
दिलोके रोग पर मरहम लगाते है यह।
जरुरी नहीं चहेरा जुडा हो नामके साथ,
अनजाने चहरेपे जान छिड़कते है यह।
कोई तलत कोई पूजा तो कोई है काश,
मिलके महोबतका मज़हब निभाते है यह।
सपना न सोचा कर क्या लगते है यह,
अपने है ,अपनोके काम आते है यह।
सपना

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