Tuesday, May 19, 2009

याद



भीगी भीगी बारीशसी तेरी याद,
खुशबुकी तरह महकती तेरी याद,
जैसे कोई जन्नतकि गलियोंसे गुज़रे,
पंछिकी तरह चहकती तेरी याद।
सपना

4 comments:

  1. आप हाईकु में लिखती हैं, हालांकि यह विधा संक्षेप में बहुत कुछ कहने में सक्षम तो है, पर क्या करें लम्बे किस्से कहानियाँ पढने की आदत से पीछा छुड़ाना तो पडेगा ही, इसी तरह लिखती रहिये हम जैसों का भी उत्साहवर्धन होगा...

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  2. बढ़िया
    वीनस केसरी

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  3. Thanks venusji.
    shukriya aaneka aur commentka.
    sapana

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  4. Viplavji, shukriya aaneka aur honsala afjaika.
    sapana

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